दिवाली पर निबंध – Diwali Eassy in Hindi

दिवाली पर निबंध

Diwali Eassy in Hindi : आज इस लेख में आपको दिवाली पर निबंध – Diwali Eassy in Hindi (Diwali Par Nibandh) (800 शब्दों में), (500 शब्दों में), (300 शब्दों में), (200 शब्दों में), (20 पंक्ति में), (10 पंक्ति में) दीपावली पर निबंध लिखना सीखेंगे।

आप दिवाली पर निबंध लिखना चाहते हैं या दीपावली पर लेख बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होने वाला है इसलिए आप पूरी जानकारी के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

दिवाली पर निबंध (200 शब्दों में) – Diwali Eassy in Hindi

दीपावली को ‘दीपोत्सव’ भी कहा जाता हैं, जिसका अर्थ दीपों का उत्सव होता हैं। दीपावली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक हैं दीपावली का त्यौहार हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता हैं। भगवान श्री राम जब 14 वर्ष के बनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। तब अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था उसके बाद से ही दीपावली मनाई जाने लगी।

दीपावली के कुछ दिन पहले से ही लोग अपने घरों एवम् दुकानों के साथ-साथ अपने आसपास की सफाई करने लगते हैं। बाजारों में मेला जैसा माहौल बन जाता हैं। लोग बाजारों से लक्ष्मी गणेश की मूर्ति खरीदते हैं और बच्चे पटाखे और फुलझरिया खरीदते हैं। दीपावली (Deepawali) के दिन रात में लक्ष्मी गणेश की पूजा की जाती हैं। इस दिन बच्चे और नौजवान पटाखे और फुलझरिया जलाकर खूब मनोरंजन करते हैं।

दीपावली के दिन किए गए आतिशबाजी से कभी कभी आग लगने की भी घटना घट जाती हैं और बच्चों के हाथ भी जल जाते हैं। कुछ लोगो द्वारा जुआ खेलकर एवम् शराब पीकर इस पावन पर्व को भी कलंकित कर देते हैं। इसलिए दीपावली का त्यौहार हमें इन सारी कुरीतियों को खत्म करके पूरे निष्ठा एवं पवित्र मन से मनाना चाहिए।

दिवाली पर निबंध (300 शब्दों में)

दिवाली, जिसे दीपों का त्यौहार या ज्योति पर्व भी कहा जाता है दीपावली हिंदुओं द्वारा मनाई जाने वाली सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। दीपावली का त्यौहार हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन पड़ता है। इस अमावस्या की रात को लोग दीपक एवं मोमबत्तियां जलाकर प्रकाशमय कर देते हैं।

दीपावली का त्योहार जब आता है तो वर्षा ऋतु की समाप्ति हो गई होती है और खेतों में धान की फसलें भी तैयार हो चुकी होती हैं। हिंदू धर्म में मनाए जाने वाली सभी त्योहारों से कोई ना कोई धार्मिक अथवा ऐतिहासिक कथाएं अवश्य जुड़ी होती है। इसी प्रकार दीपावली के साथ भी कई कथाएं जुड़ी हुई है।

जिसके अनुसार भगवान राम जब 14 वर्ष के बनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने पूरे अयोध्या को फूलों से सजा दिया था। साथ ही उस दिन अमावस्या की अंधेरी रात को घी के दिए जलाकर पूरे राज्य को प्रकाश से जगमगा दिया था। उसके बाद से ही पूरे देश में दीपावली मनाने जाना लगा।

भगवान विष्णु ने इसी दिन नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप को मारकर अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। सिखों के छठे गुरु हरगोबिंद सिंह इसी दिन मुगल शासक जहांगीर के कैद से मुक्त हुए थे दीपावली आने के कुछ दिन पहले से ही लोग अपने घरों एवं दुकानों की सफाई एवं रंगाई पुताई करने में जुट जाते हैं। बाजारों में काफी भीड़ देखने को मिलती है।

दिवाली के दिन लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है। बच्चे इस दिन पटाखे और फुलझरिया जलाते हैं तो खूब मनोरंजन करते हैं दीपावली जैसे पावन पर्व पर भी कुछ लोग जुआ खेलकर और शराब पीकर इस पर्व को कलंकित करने से नही चूकते हैं।

दीपावली के दिन किए गए आतिशबाजी से कही कही आज भी लग जाती हैं दीपावली का त्यौहार हमें अपने अंदर के सभी बुराइयों को खत्म करके अच्छाई के रास्ते पर चलने का संदेश देता है। हम सभी को इस पावन पर्व को निष्ठा एवं पवित्र भावना से मनाना चाहिए।

दिवाली पर निबंध (500 शब्दों में)

दीपावली भारत में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाने वाली त्यौहार है। यह हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस त्यौहार को दीपों का त्योहार भी कहा जाता है। दीपावली का त्यौहार हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के अमावस्या को मनाया जाता है। इस त्यौहार के आने से पहले ही लोगों में उल्लास देखने को मिलता है। बच्चे इस त्यौहार को लेकर काफी उत्साहित रहते हैं। क्योंकि बच्चे इस दिन पटाखे एवम् फुलझरिया जलाते हैं।

जब मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम लंका के दुराचारी राजा रावण को मारकर 14 वर्ष वनवास के बाद अपने भाई लक्ष्मण एवं पत्नी सीता के साथ कार्तिक की अमावस्या को अयोध्या लौटे तो अयोध्यावासियों ने पूरे राज्य में घी के दीपक जलाकर उनके अयोध्या लौटने एवं बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए भव्य स्वागत किया। तब से ही भारत में दीपावली का यह शुभ पर्व मनाया जाने लगा।

इसी दिन भगवान विष्णु नरसिंह अवतार लेकर अपने भक्तों प्रहलाद की रक्षा की थी। इसी प्रकार ऐतिहासिक दृष्टि से इसी दिन से कुछ मुख्य घटनाएं जुड़ी हुई है जिसके अनुसार सिखों के छठे गुरु हरगोविंद सिंह जी मुगल शासक जहांगीर के कारागार से इसी दिन मुक्त हुए थे। इसी दिन राजा विक्रमादित्य भी गद्दी पर बैठे थे।

दीपावली का त्यौहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली (Deepawali) के कुछ दिन पहले से ही इसकी तैयारियां शुरू हो जाती हैं। सभी लोग अपने घरों एवं दुकानों के साथ साथ अपने आसपास के स्थानों को भी साफ सुथरा कर देते हैं। इसके साथ ही घरों एवं दुकानों की पुताई भी किया जाता है। दीपावली का त्यौहार जिस सप्ताह में आता है उस सप्ताह में 5 पर्व पड़ते हैं। सबसे पहले धनतेरस का पर्व पड़ता है।

हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार धनतेरस को नए बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस के अगले दिन छोटी दीपावली पड़ती है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। उसके अगले दिन मुख्य दिवाली मनाई जाती है जिसमें लक्ष्मी गणेश की पूजा होती है और बच्चे फुलझड़ियां एवं पटाखे जलाते हैं। दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा पड़ता है। गोवर्धन पूजा के अगले दिन भैया दूज का त्यौहार मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) के दिन सभी लोग नए नए कपड़े पहनते हैं और रात में अपने अपने घरों को दीपक एवं मोमबत्तियां जलाकर सजाते हैं। दीपावली की अमावस्या वाली यह रात दीपक एवं मोमबत्तियों के प्रकाश से जगमगा उठता है। साथ ही इस दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है। दीपावली के दिन चारों ओर प्रकाश ही प्रकाश नजर आता है। दीपावली के दिन बच्चों की खुशी देखने लायक होती हैं क्योंकि इस दिन उनको पटाखे और फुलझडिया जलाने को मिलता है। बच्चे फुलझड़ियां एवं पटाखे जलाकर खूब मनोरंजन करते हैं।

दीपावली (Deepawali) के पावन त्यौहार दिन कुछ लोगों द्वारा जुआ खेलकर एवं शराब पीकर इस मंगल पर्व को कलंकित कर देते हैं। बच्चों द्वारा जलाया गया फटाफट घड़ियों से कभी-कभी आप भी लग जाती जिससे भारी जान-माल का नुकसान होता है। दीपावली के इस पावन पर्व पर हमें सीख लेते हुए समाज में चल रहे अंधकार रूपी बुराइयों को खत्म करके अपने समाज एवं मन को प्रकाशमय बनाना चाहिए।

दिवाली पर निबंध (600 शब्दों में)

प्रस्तावना /परिचय

भारत में हर साल न जाने कितने पर्व/त्यौहार मनाये जाते है इसीलिए तो भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है यहाँ हर दिन देश के  किसी न किसी हिस्से मे त्योहार होता ही रहता है यहॉ विभिन्न धर्म के लोग आपने आपने उत्सव और पर्व को आपनी आपनी परंपरा और संस्कृति के आनुसार मानते है।

दीपावली संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है दीप+आवली, दीप अथार्त दीपक और आवली अथार्त लाइन या पंक्ति जिसका मतलब हुआ दीपों की पंक्ति होता है दशहरा की तरह दीपावली भी भारत के बड़े त्योहारों मे एक है यह हमारे देश मे बहुत ही बड़े पैमाने पर उत्साह के साथ मनाई जाती है इस त्योहार मे सभी धर्म के लोग भेदभाव भुला के एकता के साथ यह पर्व को मानते है।

इतिहास

दीपावली पर्व की शुरुआत के पीछे अनेक पौराणिक कथाऐ प्रचलित है एक कथा के अनुसार श्री राम जब 14 वर्ष के बाद रावण को मारकर आपनी आरधागनी सीता जी और  अनुज  लक्ष्मण के साथ आयोध्य लौटे तब सभी जगह खुशियों के दिये जलाये गए ! उसी विजय की स्मृति मे यह दीपावली हर वर्ष मनाई जाती है।

दूसरी कथा के अनुसार  दीपावली उस दिन शुरू हुई जब श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया इसी खुशी मे दीपावली का श्री गणेश हुआ तीसरी कथा है की जब भगवान विष्णु राजा बलि के दान से प्रसन्न  हुए तब यह वर दिया की सभी लोग बलि के नाम के घी ले दिए जलाएगे एक कथा यह भी प्रचलित है की जब भगवान शंकर ने महाकाली का क्रोध शांत किया तभी से दिवाली मनाई जाने लगी।

महत्व

दीपावली मानाने की पीछे वजह जो भी हो इन बातों मे एक बात बिल्कुल साफ है की दीपावली हर  साल हम भारतवासियों के जीवन मे एक नया संदेश देने आती है और यह बताती है कि सत्य की जीत और असत्य की हार  एक न एक दिन अवशय होती है यह त्योहार हमारे जीवन के अंधकार को दूर करके भुलझरियों की तरफ नया प्रकाश बिखेरती है।

तैयारियां

दीपावली आने के पहले से ही लोग अपने अपने घर की सफाई पुताई रंगाई शुरू कर देते है छोटे बड़े अमीर गरीब सभी तरह की लोग दीपावली के स्वागत की तैयारी मे लग जाते है ! किसी शुभ कार्य का आरंभ भी दिवाली के दिन होता है दिवाली अमावस्या की रात मे मकान के छतों छजो और मुँडेरों पर डिपो की माला सजाई जाती है।

बच्चे पटाके और रंग विरंगी फुलझरिया खरीदते है ! लोग घरों को सजाने के लिए मार्करिया बल्ब दिए खरीदते है दिवाली की रात लोग एक दूसरे को उपहार देने के लिए मिठाईया खरीदते है व्यापारी और सेठ – साहूकार दीपावली की रात माता लक्ष्मी ,गणेश भगवान कुवेर भगवान  की पूजा करते है  ! लोग नए नए कपड़े और बर्तन खरीदते है।

सामाजिक और विज्ञानिक महत्व

दिवाली का धार्मिक महत्व तो है साथ ही साथ इसका सामाजिक और विज्ञानिक महत्व भी है वर्षा ऋतु के बाद मकानों की मरम्मत और उसकी पुताई खिड़कीयो और दरवाजे की रंगाई पास – पड़ोस की सफाई हमारे यह इसी दिवाली के उपलक्ष्य मे होता है साल मे एक बार आइस करना जरूरी समझा जाता है।

उपसंहार

दिवाली हमारे जीवन मे नई प्रकाश लाती है हमारे आस – पास के वतावरण को शुद्ध और पवित्र बनाती  है यह हमारे भाईचारा सहयोग सुख और शांति का संदेश देती है दीपावली के समय में सभी जगह साफ़-सुथरे नजर आते है ।

दिवाली पर निबंध (800 शब्दों में)

दीपावली, हिंदुओं का सबसे प्रमुख एवं लोकप्रिय त्योहारों में से एक हैं। यह त्यौहार पूरे भारतवर्ष में बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। दीपावली को दीपों का त्यौहार एवं ज्योति पर्व भी कहा जाता है। ‘दीपावली’ संस्कृत के दो शब्द दीप+आवली से मिलकर बना हैं। यहां ‘दीप’ का अर्थ ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ ‘श्रृंखला’ होता हैं। अर्थात दीपावली का अर्थ दीपों के श्रृंखला से हैं।

दीपावली का त्यौहार हिंदी कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास के अमावस्या के दिन मनाया जाता हैं। इस दिन अमावस्या की काली अंधेरी रात चारों ओर दीपों एवम् मोमबतियों के प्रकाश से जगमगा उठता हैं। दीपावली का त्योंहार आते आते वर्षा ऋतु समाप्त हो गई होती हैं और चारो-ओर खेतों में धान की फसल तैयार होकर लहरा रही होती हैं।

दीपावली का त्यौहार आने पर पूरे सप्ताह लोगों में उत्साह एवं उल्लास का माहौल बना रहता है क्योंकि इस सप्ताह में पांच त्यौहार पड़ते हैं। दीपावली के पहले धनतेरस का पर्व आता हैं। हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन कोई ना कोई नया बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है। इस दिन लोग कुछ-ना-कुछ नया जैसे आभूषण, गाड़ी इत्यादि भी खरीदते हैं।

धनतेरस के अगले दिन छोटी दीपावली आती हैं, उसके अगले दिन मुख्य दीपावली आती है, दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा किया जाता है और उसके अगले दिन भैया दूज का त्यौहार मनाया जाता है। भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों के साथ कोई ना कोई धार्मिक एवं सामाजिक घटनाएं अवश्य जुड़ी होती हैं इसी प्रकार दीपावली (Deepawali) के साथ भी कई धार्मिक एवं सामाजिक घटनाएं जुड़ी हुई है।

भगवान राम लंका के राजा रावण को मार कर 14 साल के वनवास खत्म कर अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता सहित कार्तिक मास की अमावस्या के दिन अयोध्या लौटे थे। अमावस्या कि रात में घोर अंधकार होने के कारण इस दिन अयोध्या वासियों ने पूरे अयोध्या को फूलों से सजा कर और घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था। इस तरह अमावस्या कि उस अंधेरी रात को दीपों से सजा कर बुराई पर अच्छाई की जीत का अभिवादन किया था।

इसके अलावा इसी दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। साथ ही जब समुंद्र मंथन करके 14 रत्नों की प्राप्ति की गई थी तो उसमें से एक लक्ष्मी भी इसी दिन प्रकट हुई थी। ऐतिहासिक दृष्टि से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के अनुसार इसी दिन सिखों के छठे गुरु हरगोविंद सिंह मुगल शासक जहांगीर के कैद से मुक्त हुए थे। इसी दिन राजा विक्रमादित्य सिंहासन पर विराजमान हुए थे। इस प्रकार धार्मिक एवं ऐतिहासिक दृष्टि से यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत को प्रदर्शित करता है।

दीपावली का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली के कुछ दिन पहले से ही लोग अपने घरों और दुकानों की सफाई एवं पुताई में जुट जाते हैं। दीपावली के कुछ दिन पहले से ही बाजारों में लोगों की चहलकदमी दिखने लगती है। साथ ही बजारें लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियो, मिट्टी के दीपकों, मोमबत्तीयों, पटाखे एवं फुलझड़ीयों से सजने लगती है।

इन दिनों बाजारों में काफी भीड़ देखने को मिलती है। लोग अपने अनुसार मिठाइयां, खील-बताशे, दीपक एवं लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां खरीदते हैं। बच्चे अपने लिए बम पटाखे एवं फुलझड़ियां खरीदते हैं।व्यापारी लोग भी अपने भाई बही-खाता दीपावली के दिन ही शुरू करते हैं।

दीपावली के दिन शाम को सूर्यास्त के बाद लोग अपने अपने घरों को दीपक एवं मोमबत्तीयों से सजाते हैं। उसके बाद घर के सभी लोग एकजुट होकर लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं और अपने इष्ट मित्रों के यहां मिठाइयां एवं प्रसाद वितरित करते हैं। बच्चे रात को फुलझड़ियां एवं पटाखे चलाकर खूब मनोरंजन करते हैं।

दीपावली के इस अमावस्या की रात को लोग दीपों एवं मोमबत्तीयों से जगमगा देते हैं। इस दिन शहर एवं गांव एक रंग में रंग जाते हैं और चारों ओर प्रकाश ही प्रकाश फैला रहता है।

वैज्ञानिक मतों के अनुसार इस पर्व का महत्व अपने आप में ही अलग है। इस दिन जलाए गए दीपको एवं किए गए आतिशबाजी से वातावरण में मौजूद कीटाणु नष्ट हो जाते हैं और साथ ही घर एवं गली की सफाई होने कारण पूरा वातावरण स्वास्थ्य एवं शुद्ध हो जाता है।

दीपावली (Deepawali) के इस मंगल पर्व को भी कुछ अराजक तत्व द्वारा जुआ खेलकर एवं शराब पीकर कलंकित कर दिया जाता है। दीपावली के समय खेतों में धान की फसलें पक चुकी होती हैं और बच्चों द्वारा पटाखों एवं फुलझड़ियां से आतिशबाजी करते समय घरों एवं खेतों में आग लगने की घटनाएं हो जाती है। जिससे लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है।

दीपावली का पर्व अंधकार रूपी बुराई को खत्म करके प्रकाश रुपी अच्छाई का संदेश देती हैं। इसलिए दीपावली के इस पावन पर्व से बुराई पर अच्छाई की जीत का सबक लेते हुए अपने घर एवम् समाज से सभी कुरीतियों को खत्म करना चाहिए। साथ ही इस पर्व की आस्था एवं गरिमा को बनाए रखना चाहिए।

दिवाली पर निबंध 10 लाइन – Diwali Eassy 10 Line in Hindi

  1. दीपावली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है।
  2. दीपावली को दीपों का त्यौहार तथा ज्योति पर्व भी कहा जाता है।
  3. दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है।
  4. भगवान श्री राम 14 वर्ष वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों में घी का दीपक जला कर उनका स्वागत किया था तभी से दिवाली मनाई जाती है।
  5. भगवान विष्णु किसी दिन नरसिंह अवतार लेकर अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी।
  6. दीपावली के दिन रात में लक्ष्मी और गणेश की पूजा होती है।
  7. दीपावली से कुछ दिन पहले ही लोग अपने घरों एवं दुकानों को साफ करने में जुट जाते हैं।
  8. दीपावली के दिन बच्चे पटाखे एवं फुलझड़ियां जलाते हैं।
  9. दीपावली का त्यौहार अंधकार पर प्रकाश की जीत का संदेश देता है।
  10. दीपावली का त्यौहार हम सभी को पूरी निष्ठा एवं पवित्र भावना के साथ मनाना चाहिए।

दिवाली पर निबंध 20 लाइन

  1. दीपावली हिंदुओं के प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है।
  2. दीपावली का पर्व भारतवर्ष में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
  3. दीपावली संस्कृत के दो शब्द दीप+आवली से मिलकर बना हैं।
  4. दीपावली का हिंदी अर्थ दीपकों का श्रृंखला होता हैं।
  5. भगवान श्रीराम द्वारा 14 वर्ष वनवास काट कर अयोध्या लौटने के खुशी में अयोध्यावासियों द्वारा पूरे राज्य में घी के दीपक जलाकर पहली दीपावली मनाई गई थी।
  6. सिखों के छठे गुरु हरगोविंद सिंह दीपावली के दिन ही मुगल शासक जहांगीर के कैद से मुक्त हुए थे।
  7. दीपावली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है।
  8. दीपावली के त्यौहार को दीपो का उत्सव भी कहा जाता हैं।
  9. दीपावली के कुछ दिन पहले से ही लोग अपने घरों और दुकानों की सफाई में लग जाते हैं।
  10. दीपावली के दिन बाजारों में बहुत ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है।
  11. दीपावली के दिन बच्चे विभिन्न प्रकार के फुलझड़ियां एवं पटाखे खरीदते हैं।
  12. दीपावली के दिन लोग अपने घरों एवं दुकानों को दीपक को एवं मोमबतीयों से सजाते हैं।
  13. दीपावली के दिन बच्चे फुलझड़ियां एवं पटाखे जला कर खूब मनोरंजन करते हैं।
  14. वैज्ञानिक तथ्य के अनुसार दीपावली के दिन किया गया आतिशबाजी एवं घरों की सफाई से वातावरण में मौजूद अधिकतम कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।
  15. दीपावली बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है।
  16. दीपावली के दिन भी कुछ असामाजिक तत्व द्वारा जुआ खेलकर और शराब पीकर इस पर्व को कलंकित कर दिया जाता है।
  17. होली के दिन जलाए गए पटाखों एवं किए गए आतिशबाजीयों से कहीं-कहीं आग भी लग जाती है, जिससे भारी नुकसान होता है।
  18. दीपावली का त्यौहार हमें पूरे निष्ठा एवं पवित्र भावना से मनाना चाहिए।
  19. दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है।
  20. दीपावली का त्यौहार हम सभी को पूरी निष्ठा एवं पवित्र भावना के साथ मनाना चाहिए।

Q : दिवाली शब्द का अर्थ क्या होता है?

Ans : दिवाली संस्कृत के 2 शब्द में दीप+आवली से मिलकर बना है। यहां दीप का अर्थ दीपक एवं अवनी का अर्थ श्रृंखला होता है अतः दीपावली का हिंदी अर्थ दीपकों की श्रृंखला होता हैं।

Q : दीपावली क्या है ?

Ans : दीपावली हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार हैं। जिसे हिंदुओं द्वारा पूरे निष्ठा एवं पवित्र मन से मनाया जाता हैं।

Q : दीपावली क्यों मनाते हैं ?

Ans : जब भगवान श्री राम लंका के राजा रावण को मारकर तथा 14 वर्ष के वनवास के बाद भाई लक्ष्मण एवं पत्नी सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। जिसकी खुशी में अयोध्या वासियों द्वारा पूरे राज्य में घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया गया था। तभी से दीपावली मनाई जाती है।

Q : दीपावली कैसे मनाई जाती है ?

Ans : दीपावली का त्यौहार भारतवर्ष में बहुत ही धूमधाम से मनाई जाती है। दीपावली के कुछ दिन पहले से ही लोग अपने घरों, दुकानों एवं अपने आसपास की सफाई करने में जुट जाते हैं। बाजारों में मेला जैसा माहौल बन जाता है और लोग बाजारों से लक्ष्मी गणेश की मूर्तियां एवं मेवा मिष्ठान खरीद कर घर लाते हैं। बच्चे अपने लिए पटाखे और फुलझड़ियां खरीदते हैं। दीपावली के दिन सभी लोग अपने-अपने घरों एवं दुकानों में लक्ष्मी और गणेश की पूजा करते हैं और बच्चे पटाखे एवं फुलझड़ियां जलाकर दीपावली मनाते हैं।

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